सरकार फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की रकम में किया बड़ा बदलाव ,अब मिलेगा इतने रुपए बढ़कर राशि

बदलते मौसम के कारण किसानों को आए दिन नुकसान झेलने पड़ते हैं। जब कभी भी वातावरण में बदलाव होता है तो उसके कारण बेमौसम बरसात आंधी तूफान ओलावृष्टि और सूखा तथा बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में प्रत्येक किसान इस चिंता में लगा रहता है कि कहीं उसका फसल बर्बाद ना हो जाए। इसीलिए केंद्र सरकार ने अपनी योजना फसल बीमा योजना के तहत लोगों को होने वाली आपदाओं के लिए मुआवजा देती है। पहले के समय में यह रकम काफी कम दिया जाता था किंतु हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार अब होने वाली आपदाओं के पश्चात किसानों को मिलने वाली मुआवजे की रकम में बढ़ोतरी कर दी गई है। मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने लोगों की इस चिंता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने मंत्रिमंडल के साथ 25 अप्रैल 2023 को हुई बैठक में इस चिंता पर भी विचार विमर्श करते हुए यह निर्णय लिया है। यह निर्णय मंत्री परिषद के पुस्तिका के खंड 6 के अनुसार मिलने वाली मुआवजे के नियमों में बदलाव किया है जिससे कि अब वहां के लोगों को होने वाले नुकसान के बाद मुआवजे की रकम को बड़ा कर दिया जा सके।

कितना मिल सकता है मुआवजा

सरकार ने सिंचित क्षेत्र में आने वाले लोग को जिनके पास प्रति हेक्टेयर खेत उपलब्ध है उनका 25 से 33 परसेंट नुकसान होने पर क्षति के रूप में ₹9500 मुआवजा दे सकती है। वही नगर यह आंकड़ा 33 से 50% के बीच रहता है तो मुआवजे की रकम ₹16000 मिल सकती है। अगर फसल 50% से ज्यादा नुकसान हो जाता है तो किसानों को ₹32500 भरपाई के रूप में दिया जाएगा।

गैस सिंचित क्षेत्र के बारे में तो इसमें यदि लघु एवं सीमांत 0 से 2 हेक्टेयर तक कृषि की भूमिका नुकसान होता है तो कृषक किया खाताधारक फसल के नुकसान होने हेतु ₹5500 तक की मुआवजा दी जा सकती है। यदि कृषक का 50% से ज्यादा नुकसान होता है तो उसको सरकार द्वारा ₹17000 तक का अनुदान दिया जा सकता है।

सब्जी और मसालों पर भी है मुआवजे

सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार यदि सब्जी और मसालों 25 से 33 प्रश्न का नुकसान होता है तो सरकार उन्हें ₹19000 तक की रकम अदा कर सकती है। वहीं अगर यह नुकसान 33 से 50% के बीच रहते हैं तो सरकार द्वारा उन्हें ₹27000 का मुआवजा मिल सकता है। बुरे स्थिति में यदि किसान फसल का 50% से अधिक का नुकसान हो जाता है तो सरकार उनसे ₹32000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैसा देगी।