क्रिकेट में अंपायर की जगह ले सकता है धोनी रिव्यू सिस्टम, नहीं हुआ अभी तक एक बार भी फेल

Cricket Update: धोनी रिव्यू सिस्टम के बारे में तो आपने सुना ही होगा आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार धोनी के लिए गए फैसलों ने अंपायर को अपने फैसले बदलने पर मजबूर कर दिया है। भारत में चल रहे हैं आईपीएल इंडियन प्रीमीयर लीग जोरों शोरों से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में हुए चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मैदान पर कुछ ऐसा हुआ इस सबको अपने दांतो तले उंगली चबानीपड़ गई। DRS सिस्टम एक ऐसा रिव्यू सिस्टम है जिससे कि यह कंफर्म किया जाता है कि अंपायर कर लिया गया हुआ निर्णय सही है या नहीं।

इस मैच के दौरान जो धोनी बैटिंग करने के लिए पिच पर आए तो मैच के आखिरी ओवर के पास में गेंद पर खेजरोलिया द्वारा फुलटोस फेंकी गई जिस पर कि वह एक पोस्ट मारना चाहते थे किंतु वह नाकाम रहे। महेंद्र सिंह धोनी वेट कर रहे थे कि अंपायर इस बॉल को नो बॉल घोषित करें किंतु जब उन्होंने देखा कि अंपायर फेंके गए बोल को नोबेल नहीं करार दे रहे हैं तब उन्होंने तुरंत डीआरएस का सहारा लिया। डीआरएस में पाया गया कि अतरौलिया द्वारा फेंकी गई पाचवी गेम जो कि फुलटास थी सही में उस बॉल को नो बॉल पाया गया और अंपायर को कहा गया कि वह अपने निर्णय को बदल दें। इस बात को सुनकर मैदान पर स्थित अंपायर के होश उड़ गए और उन्होंने अपने निर्णय को बदलने का निर्णय लिया।

डेविसविले के खिलाफ में धोनी का डीआरएस काम आया

इसी मैच के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब धोनी ने रिश्ते अंपायर के फैसले के विरोध वीआरएस लेने की घोषणा की। मामला उस समय का है जब बैटिंग करने के बाद महेंद्र सिंह धोनी कोलकाता नाइट राइडर्स की बैटिंग के समय पर डेविड विषय के खिलाफ जब तुषार देशपांडे बॉलिंग कर रहे थे तो उन्होंने भी एलबीडब्ल्यू के लिए अपील किया था किंतु हमने उनके अपील को नकार दिया था ऐसा देखते हुए धोनी ने तुरंत अंपायर के लिए गए निर्णय को चैलेंज करते हुए डीआरएस का इस्तेमाल किया। धोनी के लिए गए हुए डीआरएस का निर्णय इस बार भी धोनी के फेवर में ही गया क्योंकि जब तीसरे अंपायर ने देखा कि डेविस विलें आउट है तो थर्ड अंपायर क्राउन पर खड़े अंपायर को अपना फैसला बदलने के लिए आदेश दिया जिसे देख वहां खड़े अंपायर के भी कान खड़े हो गए। इसलिए कहा जा सकता है कि डीआरएस का दूसरा नाम धोनी रिव्यू सिस्टम हो सकता है।